इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर गोरखपुर में कानपुर के मनीष गुप्ता को पीट-पीटकर मार डालने का आरोप है। जेएन सिंह पहले भी पिटाई से मौत और दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं। मनीष गुप्ता के मामले में हत्या का केस दर्ज होने के बाद पुरानी घटनाओं की भी जांच हो सकती है। पुलिस अफसरों का कहना है कि पुराने मामलों में कोई आवेदन आता है तो जांच कराई जाएगी।
रामगढ़ताल थाने में रहते हुए जेएन सिंह पर एक परिवार ने पुलिस पिटाई से बेटे की मौत का आरोप लगाया था, जबकि बांसगांव के एक परिवार का भी यही आरोप था।
यह घटना बीते 13 अगस्त की है। रामगढ़ताल पुलिस की कस्टडी में 20 वर्षीय गौतम सिंह की संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। पुलिस पर पिटाई का आरोप था इससे पहले 7 नवंबर 2020 को भी जेएन सिंह पर गंभीर आरोप लगे थे। बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज था।
पुलिस ने उसे बीते 11 अक्तूबर 2020 को डिघवा तिराहे से गिरफ्तार कर लिया और जेल भिजवा दिया। 7 नवंबर को जेल में मौत हो गई। इस मामले में पुलिस की पिटाई से शुभम की मौत का आरोप लगा था। तत्कालीन चौकी इंचार्ज को सस्पेंड किया गया था। जिसके बाद विभिन्न संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया। बाद में परिवारीजनों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
रामगढ़ताल थाने में पसरा रहा सन्नाटा
रामगढ़ताल थाने के प्रभारी पद पर इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह की तैनाती 22 जनवरी को हुई थी। वह नौ महीने के कार्यकाल में अक्सर विवादों में घिरे रहे। होटल में पिटाई से प्रॉपर्टी डीलर की मौत का मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में इसी घटना की चर्चा रही।
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