देहरादून-उत्तराखंड में 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के साथ ही इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम की अध्यक्ष राधिका झा ने यमुना नदी पर स्थित लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना की पर्यावरणीय स्वीकृति दिये जाने की जानकारी देते हुए बताया कि लखवाड़ जलविद्युत परियोजना उत्तराखंड ही नहीं संपूर्ण राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है। इस परियोजना से उत्तराखंड समेत पांच राज्यों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के साथ ही विद्युत उत्पादन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परियोजना के निर्माण से 330 मीटिक क्यूबिक मीटर अतिरिक्त जल की उपलब्धता होगी।
जिससे उत्तराखण्ड के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश लाभान्वित होगे। 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना के क्रियान्वयन से प्रतिवर्ष 572.54 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होने के साथ ही यमुना नदी में जल की उपलब्धता भी बढ़ेगी। जिससे नदी का संरक्षण एवं संवर्धन तो होगा ही साथ ही दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यमुना नदी को पुनर्जीवन भी प्राप्त होगा। लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना की अनुमानित लागत 5747.17 करोड़ रुपये है। जिसमें से 4673.01 करोड़ रुपये के 90 फीसद का वहन केंद्र सरकार के वित्तीय सहयोग से किया जाएगा। जबकि, शेष 10 फीसदी का वहन लाभान्वित राज्य करेंगे। यूजेवीएन लिमिटेड के एमडी संदीप सिंघल ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से मंत्रालय स्तर पर और ऊर्जा सचिव राधिका झा की ओर से विभागीय स्तर पर निरंतर प्रयासों के चलते लखवाड़ परियोजना की पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हुई है।