मौनी आमावस्याः श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की पावन डुबकी
team HNI
February 11, 2021
आस्था, उत्तराखण्ड, चर्चा में, हरिद्वार
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- बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लाने की बाध्यता खत्म
- सीमा पर की जा रही रैंडम सैंपलिंग
हरिद्वार। मौनी अमावस्या पर वीरवार को धर्मनगरी के घाटों पर श्रद्धालुओं की सुबह से भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी और अन्य घाटों पर श्रद्धा और आस्था की पावन डुबकी लगाई। घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। स्नान और गंगा पूजन के बाद श्रद्धालुओं ने दान किया। मान्यता के अनुसार माघ महीने की अमावस्या पर गंगा स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कोविड के खतरे के बीच जिला प्रशासन ने जांच केंद्र बनाए हैं। श्रद्धालुओं की थर्मल जांच के साथ रैंडम सैम्पल लिए जा रहे हैं। हरकी पैड़ी और अन्य घाटों पर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की कड़ी निगरानी है। सिल्ट आने से गंगा का पानी काफी मटमैला है, बावजूद इसके श्रद्धालु आस्था के साथ स्नान कर रहे हैं।
मौनी अमावस्या ध्यान, तप, साधना और आस्था का सबसे बड़ा पर्व है। मौन व्रत कर साधना करने वाला ही मुनि बनता है। मौन से की गई साधना में मनका फेरना और होठों के जाप करना ज्यादा पुण्यदायी एवं प्रभावकारी माना गया है। बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लाने और पोर्टल पर पंजीकरण की बाध्यता प्रशासन ने खत्म कर दी है। अब राज्य की सीमा पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की रैंडम सैंपलिंग हा रही है।
2021-02-11