लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मंगलवार को लखनऊ (Lucknow) के एक दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे। अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री राजधानीवासियों को करोड़ों की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘न्यू अरबन इंडिया’ तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।
इस दौरान शहरी सुविधाओं को और कैसे बेहतर बनाया जाए पर इस पर विशेषज्ञ विचार-विमर्श करेंगे। इसमें आने वाले सुझावों के आधार पर शहरी सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। भारत सरकार के शहरी कार्य मंत्रालय और यूपी के नगर विकास मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
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जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री इस दौरान स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 1537.02 करोड़ की 15 परियोजनाओं का लोकार्पण और 1256.22 करोड़ की 30 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसी तरह अमृत योजना के तहत 502.24 करोड़ की 17 पेयजल परियोजनाओं का लोकार्पण और 1441.70 करोड़ की 13 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
ये है मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। इसके बाद वे 11 से 11.15 बजे तक प्रदर्शनी का अवलोकन व गणमान्य लोगों से बातचीत करेंगे। 11.30 से 11.50 शहरी मिशन की उपलब्धियों पर फिल्म देखेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के 75000 पात्रों को वर्चुअली उनके घर की चाभी सौंपेंगे। पीएम मोदी पांच प्रधानमंत्री आवास योजना के पांच लाभार्थियों से भी बात करेंगे। शहरी विकास के 75 बेहतरीन कामों पर काफी टेबल बुक जारी करेंगे। शहरी विकास के 75 कामों का शिलान्यास व लोकर्पण। 150 इलेक्ट्रिक सिटी बसों को हरी झंडी दिखाएंगे। 11.50 बजे प्रधानमंत्री कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे।
दिखेगी सीएम के संघर्षों की झलक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मंच से प्रदेश को करीब 4800 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दे रहे होंगे तो उनके मंच पर इंसेफेलाइटिस नियंत्रण को लेकर सीएम योगी के संघर्ष को भी दिखाया जाएगा। सांसद से सीएम तक के सफर में योगी आदित्यनाथ का सफल संघर्ष इस दौरान जीवंत होगा। गोरखपुर नगर निगम की तरफ से बनवाई गई इस डॉक्यूमेंट्री वीडियो में इंसेफेलाइटिस की शुरुआत, चरम और अब नियंत्रण को समाहित किया गया है। नगर निगम गोरखपुर ने डॉक्यूमेंट्री में यह दर्शाया है कि योगी सरकार ने किन उपायों से बच्चों की मौत का पर्याय रही इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस की दस्तक 1977-78 में हुई।
प्रतिवर्ष इसकी चपेट में आकर इस अंचल के 1200-1500 मासूम काल के गाल में समा जाते थे। 1998 में पहली बार सांसद चुने जाने के बाद से ही मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने तक योगी आदित्यनाथ देश की संसद में इस बीमारी के खिलाफ पूर्वांचल की आवाज बनते रहे हैं। सिर्फ सदन ही नहीं, कई बार जेठ की तपती दोपहरी में सड़कों पर उतरकर हुक्मरानों की तंद्रा तोड़ने में भी वह पीछे नहीं रहे।
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