श्रीनगर। यहां के जेवन में सोमवार शाम पुलिस बस पर हुए आतंकी हमले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि घाटी और खासकर श्रीनगर में इतने सख्त सुरक्षा इंतजाम के बावजूद यह हमला कैसे हो गया। आतंकी कैसे पुलिस बस के करीब पहुंचे, फायरिंग की और भाग खड़े हुए। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिसकर्मियों के पास हथियार के नाम पर बस डंडा था।
कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने कहा कि अब से पुलिसकर्मी हमेशा बुलेटप्रूफ व्हीकल में ही ट्रैवल करेंगे। उनके मुताबिक आतंकी पुलिस बल से हथियार छीनने की फिराक में थे। हमला होते ही पुलिस ने प्रभावी रूप से जवाबी कार्रवाई की। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर हमले को अंजाम दिया है। हमले में जैश के 3 आतंकियों का हाथ है, इसमें 2 विदेशी और एक स्थानीय आतंकी है। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी घायल हुआ है और खून के निशानों से पता चला है कि वह पंपोर होते हुए त्राल इलाके की तरफ भागा है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिस बस पर हमला हुआ, उसमें आर्म्ड रिजर्व फोर्स की 9वीं बटालियन के 25 पुलिस वाले सवार थे। जेवन के पास शाम को करीब 6 बजे बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया। जिस तरह से भारी फायरिंग के साथ ये हमला किया गया उससे लगता है कि ये एक प्लांड टेरर अटैक था।
विजय ने बताया कि अब पुलिस एक जगह से दूसरी जगह ट्रैवल करते वक्त भारी सतर्कता बरत रही है और अब ऐसे मूवमेंट के लिए उसे बुलेट प्रूफ बस दी जाएगी। हमलावरों ने पहले से ही हमले वाली जगह की रेकी की थी, रोड ओपनिंग पार्टी के हटते ही हमले को अंजाम दिया गया। जैश ने हमले की जिम्मेदारी ले ली है।
जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वेद के मुताबिक राज्य के पुलिसकर्मी आतंकियों के टारगेट पर हैं, क्योंकि इनका रोल ही सबसे अहम होता है। इनके पास आतंकी गतिविधियों से जुड़ी 90% जानकारी होती है। इसके बावजूद पुलिस पार्टी के मूवमेंट को प्रोटेक्शन क्यों नहीं दी गई, ये समझ से परे है।
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