गरीबी के दिनों को याद कर भावुक हुई वंदना कटारिया
team HNI
August 12, 2021
उत्तराखण्ड, खेल, चर्चा में, राज्य, हरिद्वार
219 Views
- एक जोड़ी जूते से दोनों बहनें बारी-बारी करती थी अभ्यास
हरिद्वार। टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली हाॅकी स्टार खिलाड़ी अपने गरीबी के दिन यादकर भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि 2004 में जब वह और उनकी बहन रीना कटारिया के पास अभ्यास करने के लिए एक ही जोड़ी जूते थे। इसलिए एक जोड़ी से बारी-बारी से अभ्यास करते थे। उन्होंने कहा कि अधिकांश खिलाड़ी गरीब घरों से आते हैं। खेलों की तैयारी करने में गरीबी सबसे बड़ी बाधा बनती है। गरीब घरों की प्रतिभाओं को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करके सामने लाने की जरूरत है। मोटीवेशन के बाद टीम ने हर हालत में जीत की ठान ली थी। इसी सकारात्मक सोच के बल पर वह न केवल क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। बल्कि सेमीफाइनल तक गए और कांस्य पदक के लिए भी प्रतिद्वंद्वी टीमों से नजदीकी मुकाबले में पीछे रह गए। उन्होंने कहा कि सेमीफाइनल में मेडल के बहुत ज्यादा करीब थे, लेकिन मैच हारने का जीवनभर मलाल रहेगा। उन्होंने कहा कि पापा ने हमेशा बस यही कहा कि बेटा ओलंपिक से पदक लेकर आना। जापान से लौटते समय यही सोच रही थी कि जब घर जाऊंगी तो उस जगह को कैसी देखूंगी। जहां पापा सोते और रहते थे। वंदना ने कहा पापा का यह सपना एक दिन जरूर पूरा करूंगी।
INDIAN WOMEN HOCKEY uttarakhand VANDANA KATARIA 2021-08-12