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देहरादून : ये हैं वो बैंक अफसर, जो करते हैं साइबर फ्रॉड!

देहरादून। यहां सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में दूसरे के खाते से 31 लाख के साइबर फ्रॉड में बैंक के तीन अफसर लिप्त पाये गये हैं। शाखा प्रबंधक को दिल्ली से और देहरादून से दो सहायक शाखा प्रबंधक भी गिरफ्तार किए गए हैं। एसटीएफ उत्तराखंड ने इसका खुलासा किया है। ये बैंक अधिकारी ग्राहकों के इनक्टिव बैंक खातों का एसएमएस अलर्ट नंबर बदल कर उनकी मेहनत की कमाई उड़ा रहे थे।
पुलिस के अनुसार हरबर्टपुर, थाना विकासनगर निवासी अतुल कुमार शर्मा ने देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में उनकी अनुमति के बगैर उनकी मां के संयुक्त बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट नंबर बदलकर 30.95 लाख रुपये निकाले गये हैं। साइबर थाने से निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के नेतृत्व में टीम गठित की गई। जांच के दौरान घटना में इस्तेमाल मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, ई-वालेट, और बैंक खातों व सीसीटीवी फुटेज व साक्ष्यों के आधार पर जानकारी इकट्ठा की गई।
इसके बाद पता चला कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी ने शिकायतकर्ता की अनुमति बिना धोखाधड़ी से उनके बैंक खाते में एसएमएस अलर्ट नंबर चेंज किया और नेट/मोबाइल बैंकिंग के जरिए ऑनलाइन माध्यम से सोना खरीदा और फिर सोने को बेचकर पैसे कमाए जा रहे थे। सभी जानकारी मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस की विशेष टीम दिल्ली, एनसीआर, यूपी और हरियाणा रवाना हुई। टीम ने 23 मई को करोल बाग दिल्ली से घटना में शामिल सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया। आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसके दो और सहयोगी हैं जो सेंट्रल बैंक में ही काम करते हैं। इनमें से एक एएफओ मो. आजम और दूसरा बैंक का सहायक प्रबंधक कविश डंग है। बाकी दोनों अभियुक्तों को सेलाकुई, विकासनगर, देहरादून से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से लिनोवा लैपटॉप, सैमसंग टैब, 6 मोबाइल फोन, 7 सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड, 2 आधार कार्ड, 5 पासबुक, 3 चेक बुक, 2 आरसी/डीएल और 1 पेन कार्ड बरामद हुए हैं। ये सभी साथ मिलकर लंबे समय से इनएक्टिव खातों की जानकारी हासिल कर उसके एसएमएस अलर्ट नंबर को बदलते थे।
इसके बाद नेट या मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से खातेदारों की धनराशि से ऑनलाइन सोना खरीदकर उसको बेचकर लाभ अर्जित करते थे और लाभ से प्राप्त धनराशि को आपस में बांट लिया करते थे। अभियुक्तों से पूछताछ में कई अहम सुराग भी मिले हैं, जिससे गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की जाएगी। उत्तराखंड एसटीएफ प्रभारी ने जनता से अपील की है कि समय समय पर बैंक में भौतिक रूप से जाकर अपने खाते की जानकारी करते रहें व लम्बे समय तक अपने खाते को इनेक्टिव न रखें। कोई भी शक होने पर तत्काल पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन व साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें। 

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