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आज नये साल के पहले दिन एडीजी बने अभिनव और विम्मी बनीं आईजी

देहरादून। आईएएस अफसरों पर नए साल में खुशियों की बौछार के बाद अब बारी आईपीएस अफसरों की है। आज नये साल के पहले दिन अभिनव कुमार अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बन जाएंगे। विम्मी सचदेवा भी महानिरीक्षक (आईजी) हो जाएंगी। देहरादून के एसएसपी योगेंद्र रावत भी DIG के लिए अर्ह हो गए, लेकिन कुर्सी खाली न होने और हालात के कारण उनको अभी कुछ वक्त रुकना पड़ेगा।
अभिनव 1996 बैच के हैं। अभी राज्य में सिर्फ PVK प्रसाद ही ADG हैं। प्रसाद के बैच के दीपम सेठ हैं। वह भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। प्रसाद-सेठ 1995 बैचके हैं। विम्मी सचदेवा रमन 2003 बैच की हैं। उनके पति रमन रविनाथ उत्तराखंड काडर के ही IAS हैं। गढ़वाल मण्डल के आयुक्त हैं। अभिनव और विम्मी की DPC आज ही हो जाएगी। शासन सूत्रों के मुताबिक आज ही प्रोन्नति आदेश जारी भी कर दिए जाएंगे।
विम्मी फिलहाल Director Census Operation हैं। ये तय नहीं है कि प्रोन्नति के बाद वह किस भूमिका में होंगी। IPS प्रोन्नतियों में देहरादून के SSP योगेंद्र रावत को लेकर एक दिलचस्प पहलू बना हुआ है। 2007 बैच के योगेंद्र हाल ही में SSP देहरादून की कुर्सी पर बिठाए गए हैं। ये कुर्सी उत्तराखंड के हर IPS अफसर का सपना उसी तरह है, जिस तरह डीएम देहरादून हर उत्तराखंडी IAS का ख्वाब है।
योगेन्द्र भी आज DIG के लिए अर्ह हो गए हैं। उनको प्रोन्नत किया जाता है तो तत्काल ही उनको SSP की कुर्सी से हटाना होगा। ये इसलिए जरूरी होगा कि नीरू गर्ग भी गढ़वाल रेंज की DIG हैं। एक DIG के आधीन DIG को ही रखा नहीं जा सकता है। या फिर नीरू को हटाकर रेंज में IG को बिठाना होगा। जो इतनी जल्दी मुमकिन नहीं लगता है।
नीरू गर्ग को भी हाल में ही अभिनव को हटा के उनकी जगह लाया गया है। योगेंद्र से पहले अरुण मोहन जोशी भी भले DIG होते हुए ही देहरादून के SSP थे, लेकिन IG के रेंज प्रभारी होने से तकनीकी दिक्कत वाली बात नहीं थी। शासन सूत्रों के मुताबिक हालांकि योगेंद्र अर्ह हो गए हैं, लेकिन DIG की पोस्ट खाली नहीं है। इसलिए उनको फिलहाल प्रोन्नत न कर के SSP ही रहने दिया जाएगा। सरकार भले ये तर्क दे, लेकिन हकीकत ये है वह चाहे तो किसी को DIG बना सकती है। सरकार ऐसी सूरत में एक्स काडर पोस्ट वाला तोड़ निकाल सकती है।
ये बात अलग है कि उत्तराखंड में कोई भी IPS अफसर, जिसको भविष्य में अपना DGP या DG के तौर पर भविष्य नहीं दिखता है, वह चार प्रमुख जिलों की कप्तानी का अधिक से अधिक सुख चाहता है। इसके लिए वह अपनी DIG वाली प्रोन्नति को भी लटकाने में गुरेज नहीं करता है। देहरादून में पहले भी DIG को SSP बनाया गया है। किसी को भी इस पर एतराज नहीं रहा। योगेंद्र भी नहीं चाहेंगे कि उनको DIG बना के हटाया जाए। आज कुछ अन्य आईपीएस अफसरों की भी DPC होने वाली है।

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