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कोरोना का नया वेरिएंट मिलने के बाद उत्तराखंड में अलर्ट, मरीजों की स्क्रीनिंग; सर्विलांस पर भी फोकस

देहरादून। हांगकांग और सिंगापुर सहित एशिया के कुछ हिस्सों में संक्रमण के फिर से बढ़ने के बीच स्वास्थ्य अधिकारी कई राज्यों में कोविड-19 के नए जेएन.1 वेरिएंट मामलों में वृद्धि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं क्योंकि सिंगापुर-हांगकांग के बाद अब भारत में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। इसी क्रम में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में कोविड सर्विलांस बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।

सचिव स्वास्थ्य डा. आर. राजेश कुमार ने राज्य के सभी मेडिकल कालेजों और जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य में फिलहाल कोविड का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियात के तौर पर तैयारियां पूरी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

केंद्र सरकार के निर्देशानुसार इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आइडीएसपी) की टीमें जिलों में सक्रिय की जा रही हैं, ताकि किसी भी संभावित केस की तत्काल पहचान कर उपचार शुरू किया जा सके। इसके तहत राज्य में आईडीएसपी की टीम को सभी जिलों में सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर किसी एक स्थान पर अधिक संख्या में लोगों के संक्रमित होने के लिए निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। इसके साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों को लक्षण के आधार पर मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।

कोरोना केस के लिए JN.1 वैरिएंट जिम्मेदार

इस बार कोरोना के केसों में वृद्धि के पीछे JN.1 वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है. यहओमिक्रॉन का एक नया सब-वैरिएंट है जिसके लक्षण पहले के वैरिएंट्स जैसे ही हैं. लेकिन इसका सबसे आम लक्षण डायरिया है, जो अधिकतर मरीजों में नजर आ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट तेजी से फैलता है, इसलिए अलर्ट रहने की जरूरत है।

JN.1 कोरोना वायरस क्या है जानें यहां

JN.1 कोरोना वायरस का नया रूप है, जो ओमिक्रॉन के BA.2.86 वैरिएंट से डेवलप हुआ है। इसकी पहचान पहली बार अगस्त 2023 में की गई। Johns Hopkins के विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 में लगभग 30 नए म्यूटेशन हैं, जो इसे शरीर की इम्यून सिस्टम से बचने में सक्षम बनाते हैं। इम्यून सिस्टम को ये लड़ने से रोकते हैं। इसके स्पाइक प्रोटीन में हुआ बदलाव वायरस को पहचान से छिपने और तेजी से फैलने में मदद करता है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण के बारे में जानें

अधिकांश JN.1 संक्रमितों में ऊपरी श्वसन तंत्र से जुड़े हल्के लक्षण देखे गए हैं। इनमें बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और मामूली गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी समस्याएं शामिल हैं। कुछ मरीजों में भूख न लगना और लगातार मतली की शिकायत भी देखी गई है।

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