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स्कूलों में छात्राओं के लिए बनेंगे अलग शौचालय : धामी

  • सीएम ने शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति और श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई
  • मुख्यमंत्री ने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में की व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की

देहरादून। आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के 200 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राओं, अभिभावकों व अध्यापकों से वर्चुअल संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विद्यालयों में छात्राओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति की राशि को 250 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने और साथ ही इसके लाभान्वितों की संख्या को 11 से बढ़ाकर 100 करने की घोषणा की। उन्होंने श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्रवृत्ति की राशि को 150 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने की भी घोषणा की।
व्यावसायिक शिक्षा में 8 ट्रेड शुरू : मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम में 8 ट्रेड प्रारंभ किये गये हैं। इससे हमारे बच्चों का स्किल डेवलपमेंट होगा जो कि उनके करियर में सहायक होगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रारंभ नई शिक्षा नीति में भी स्किल डेवलपमेंट पर बल दिया गया है।

आम बच्चों तक क्वालिटी एजुकेशन की पहुंच : धामी ने कहा कि बच्चों के लिये अच्छे से अच्छा जो भी हो सकता है, सरकार कर रही है। कोशिश है कि आम बच्चों तक क्वालिटी एजुकेशन की पहुंच बने। कोविड काल में आनलाईन एजुकेशन की महत्ता बढी है। सरकार राज्य के राजकीय विद्यालयों के 10वीं और 12वीं के छात्र छात्राओं को प्री लोडेड कंटेंट के साथ मोबाईल टैबलेट जल्द उपलब्ध कराएगी। 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की स्थापना की गई है जबकि 600 और विद्यालयों में वर्चुअल क्लास प्रस्तावित हैं। सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य की गई हैं। 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालय सीबीएसई मान्यता के साथ इंग्लिश मीडियम में प्रारंभ किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि अपनी रूचि के अनुसार करियर का चयन करें और फिर पूरे मनोयोग से परिश्रम करें। सामान्य परिस्थितियों से उठे लोगों ने अपने संघर्ष से आसमान को छुआ है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने रामेश्वरम से राष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया।  परिश्रम, संकल्प और दृढ इच्छाशक्ति हो तो कोई काम असम्भव नहीं है। विकल्प रहित संकल्प होना चाहिए। भगवान भी उसी का साथ देते हैं जो खुद का साथ देते हैं। कहा भी गया है… ‘मन के जीते जीत है, मन के हारे हार।’ स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि मनुष्य की सीमाएं अनंत हैं।

शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने कहा कि वर्ष 2017 से उत्तराखण्ड में स्कूल एजुकेशन में काफी काम किया गया है। विषयवार अध्यापकों की नियुक्ति की गई है। अतिथि शिक्षकों का वेतन 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने का निर्णय लिया गया है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप कौशल विकास पर बल दिया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता में उत्तराखण्ड को चौथे स्थान पर रखा गया है। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राओं, अभिभावकों व अध्यापकों ने भी अपनी बात रखी। इस अवसर पर सचिव राधिका झा, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक सीमा जौनसारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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