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…और गैरसैंण के भूमिधर बने त्रिवेंद्र!

मुख्यमंत्री ने खुद दी यह जानकारी

  • कहा, वह युवा को स्वरोज़गार की राह पर ले जाने को कृतसंकल्प और ऐसा करने से बसेगा पहाड़
  • सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही करना होगा रिवर्स पलायन, इससे संवरेगी पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत गैरसैंण के भूमिधर बन गये हैं। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने ट्वीटर और फेसबुक के माध्यम से दी है।
मुख्यमंत्री ने रिवर्स पलायन का बङा संदेश देते हुए  कहा… ‘गैरसैंण जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखण्ड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही सुधरेगी पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड में स्वरोज़गार को बढ़ावा दे रही है। हम अपने युवा को स्वरोज़गार की राह पर ले जाने को कृतसंकल्प हैं और ऐसा करने से पहाड़ बसेगा। राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी से उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप की तरफ़ ले जाने और प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए कार्य किया है और यह प्रक्रिया आगे और गति पकड़ेगी।हमारी सरकार पुरानी धारणाएँ तोड़ने की कोशिश कर रही है। -हम स्वरोज़गार को विकास का माध्यम बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने घी संक्रांति के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों से अनुरोध किया कि सभी अपने अपने गाँवों की तरफ़ रुख करेंगे और वहां के अपने घरों का बेहतर रख-रखाव करेंगे।

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