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उत्तराखंड के शहीदों की आन बान और शान का प्रतीक बनेगा सैन्यधाम : त्रिवेंद्र

सीएम ने किया शहादत को सलाम

  • भविष्य में उत्तराखंड सरकार का शपथ ग्रहण सैन्यधाम में ही होने की जताई इच्छा
  • इस सैन्यधाम में आनी चाहिए राज्य के सभी शहीदों के गांवों की मिट्टी, पानी और शिला
  • राज्य की प्रमुख नदियों और प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी से सुशोभित होगा सैन्यधाम

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज शनिवार को यहां बन्नू स्कूल रेस कोर्स में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण कृषि ऋण योजनान्तर्गत तीन लाख रुपये तक के वृहद ऋण वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों एवं अन्य पांच स्थानों पर भी आयोजित किया गया। इस योजना के तहत 25 हजार लोगों को कृषि आदि प्रयोजनों हेतु ऋण वितरण किया गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री देहरादून के पुरकुल गांव में भारतीय सेना के जज्बे, शौर्य और बलिदान के प्रतीक  सैन्य धाम का जिक्र करते हुए भावुक हो गये।
त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड के पंचम धाम के रूप में सैन्यधाम का शिलान्यास किया गया है। हमारा प्रयास है कि यह सैन्यधाम जीवंत और जागृत हो। यहां कोई भी आये तो उसको इसकी वास्तविकता की पूर्ण अनुभूति हो। जो लोग यहां आयेंगे इस सैन्यधाम की मिट्टी पर पैर रखें तो उन्हें इससे प्रेरणा मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा… ‘मैं चाहता हूं कि भविष्य में उत्तराखण्ड में सरकार का शपथ ग्रहण इस शहीद स्थल (सैन्यधाम) में हो। अन्य देशों एवं अन्य राज्यों से देहरादून आते हैं तो सैन्यधाम में जरूर आयें। उन्होंने कहा कि राज्य के शहीदों के गांवों की मिट्टी, पानी और शिला इस सैन्यधाम में आनी चाहिए। राज्य की प्रमुख नदियों का जल एवं प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी सैन्यधाम में आये। गढ़वाल राइफल, कुमायूं रेजीमेंट और गोरखा रेजीमेंट में दुश्मनों के दांत खट्टे करने की ताकत एवं पहचान हैं। हमारे सैनिकों की प्रेरणा देशवासियों को प्रेरित करती रहे, यह परिकल्पना सैन्यधाम के पीछे है।
त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि और वीरभूमि है। जब भी देश को जरूरत पड़ी हमारे जवानों ने देश की सेवा के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर दिया और पूरी बहादुरी का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि हमारे शहीद सैनिकों के घरों में यदि उनकी कोई निशानी हो तो उनके संरक्षण के लिए सैन्यधाम में एक संग्रहालय बनाया जायेगा। लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां यहां पर होनी चाहिए।
त्रिवेन्द्र ने कहा कि जो युवा सेना में जाना चाहते हैं, उनके लिए यहां पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। यहां पर एडवेंचर एवं उससे संबंधित गतिविधियां कर सकते हैं। देहरादून में इस भव्य सैन्यधाम को बनाने के लिए आम जनता के सुझाव भी आमंत्रित किये जायेंगे। विशेषज्ञ समिति इन सभी सुझावों को देखेगी, जो सुझाव सही लगेंगे। अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण को सभी लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं।    
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में पंचमधाम के रूप में सैन्यधाम बनाया जा रहा है। हमारे शहीद सैनिकों के घरों की मिट्टी और शिला इस सैन्यधाम में लायी जायेगी। हमारा प्रयास होगा कि सैन्यधाम में लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां हों। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न युद्धों व सीमान्त झडपों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं/आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रुपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है। सेना और अर्द्धसैन्य बलों के शहीद जवानों के आश्रित को उनकी योग्यता के अनुसार राज्य सरकार की सेवा में सेवायोजित करने की व्यवस्था की गई है।

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