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अब हरदा बोले : दोनों टीएसआर भले आदमी, भाजपा ने ला दिया चौराहे पर

बहुत कठिन है डगर सियासत की…

  • कहा, इससे बड़ा झूठ क्या हो सकता है कि कोरोना संक्रमण की वजह से उपचुनाव नहीं हो सकते और संवैधानिक बाध्यता से दिया इस्तीफा
  • कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड को बना दिया अपनी राजनीतिक प्रयोगशाला

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए आज शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि दोनों टीएसआर (त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत) भले आदमी हैं, लेकिन भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों को चौराहे पर ला छोड़ा है। 
हरदा ने कहा, इससे बड़ा झूठ क्या हो सकता है कि कोरोना संक्रमण की वजह से उपचुनाव नहीं हो सकते और संवैधानिक बाध्यता के कारण मुख्यमंत्री इस्तीफा दे रहे हैं। हकीकत यह है इसी कोरोनाकाल में सल्ट में भी उपचुनाव हुआ। मुख्यमंत्री वहां से भी चुनाव लड़ सकते थे। कहीं और से किसी विधायक का इस्तीफा करवाकर भी चुनाव लड़ सकते थे। मुगालते में रहने के कारण राज्य के ऊपर एक और मुख्यमंत्री थोप दिया गया।  भाजपा पांच साल में तीन मुख्यमंत्री उत्तराखंड को दे रही है। 
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा ने अपने दो नेताओं की स्थिति हास्यास्पद कर दी। दोनों ही भले आदमी हैं। त्रिवेंद्र को बजट सत्र के बीच में बदलने का निर्णय लिया गया। तीरथ सिंह की स्थिति उनके अपने बयानों ने और बची खुची कसर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनके चुनाव लड़ने के निर्णय पर फैसला न लेने के कारण हास्यास्पद बन गई। दोनों अब मजाक के पात्र बनकर रह गए। लोग कह रहे हैं, जब हमारे मुख्यमंत्री को इसी बात का ज्ञान नहीं था कि मुझे कब चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचना है तो यह व्यक्ति हमारा क्या कल्याण करेगा। 
हरीश ने तंज कसते हुए कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री एक हास्यास्पद मुख्यमंत्री बनकर रह गए। मुख्यमंत्री ने पहले अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा दिया, फिर राज्यपाल को। भाजपा ने इन लगभग साढ़े चार सालों में राज्य को केवल बेरोजगारी दी। अर्थव्यवस्था छिन्न भिन्न कर दी। विकास के काम ठप पड़े हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई है। कोरोना को नियंत्रित करने में राज्य सरकार पूरी तरह से फेल हुई है। टेस्टिंग घोटाले की वजह से हमारे राज्य की साख को बट्टा लगा है। भाजपा को आगामी चुनाव में इन सब सवालों का जवाब देना पड़ेगा, चाहे वह किसी को भी मुख्यमंत्री बना दे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड को अपनी राजनीतिक प्रयोगशाला बना दिया है। यह तीसरी बार है, जब उन्होंने किसी मुख्यमंत्री को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया। वर्ष 2017 के विस चुनाव में जनता ने भाजपा को चुना था। इसके बाद जोर-शोर के साथ डबल इंजन की सरकार बनी, लेकिन इस सरकार ने चार साल में अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। अब छह माह से पहले ही फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया। मुख्यमंत्री ही नहीं, सरकार के मंत्रियों के बीच भी जब तक अंतर्विरोध देखने को मिला। बहरहाल जो कुछ हुआ, यह राज्य के हित में नहीं है।

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