देहरादून। वन विभाग की नाक के नीचे जौनसार बावर के कनासर रेंज से लकड़ी की तस्करी का सिलसिला लगातार जारी है। गुरुवार देर रात्रि चकराता वन प्रभाग की रिवर रेंज डाकपत्थर टीम ने करनासर रेंज के मिनस बुल्हाड मोटर मार्ग पर एक वाहन को 35 नग देवदार के साथ पकड़ा है। अब यह सवाल उठ रहा है कि जब जंगल में इतनी बड़ी मात्रा में देवदार के पेड़ काटे जा रहे थे तो वन विभाग के अधिकारी क्या कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि देहरादून जिले में लकड़ी तस्करी के बढ़ते मामलों को लेकर हाईकोर्ट भी वन महकमे के अफसरों को साफ तौर पर जिम्मेदार ठहरा चुका है। इसके बावजूद बीती रात पकड़े गये देवदार के 35 स्लीपरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह काम एक दिन का नहीं है। यानी कि सुनियोजित तरीके से देवदार और साल के पेड़ों की हत्या की जा रही है। जंगल में जब कुल्हाड़ी और आरियां चलती हैं तो बहुत दूर से ही पता चल जाता है कि माजरा क्या है? इसके बावजूद जंगलों में धड़ल्ले से हरे पेड़ काटे जा रहे हैं और वन विभाग कभी कभी जाने अनजाने में एक आध मामले में खुलासा कर अपनी पीठ खुद ही थपथपा लेता है।
बीती देर रात्रि वन प्रभाग चकराता की रिवर रेंज डाकपत्थर के गश्ती दल ने मिनस बुल्हाड मोटर मार्ग पर हिमाचल नंबर के एक वाहन को पकड़ लिया। हालांकि इस दौरान वाहन चालक मौके से फरार हो गया। वाहन में देवदार के 35 स्लीपर लदे हुए थे। गश्ती टीम वाहन को रेंज परिसर डाकपत्थर लेकर आई। रिवर रेंज अधिकारी डाकपत्थर चकराता वन प्रभाग ने बताया वाहन स्वामी के विरुद्ध मामला दर्ज कर वाहन को कार्यालय में लाकर सीज कर दिया गया है। हालांकि वन विभाग के अफसरों को लकड़ी काटने वाले मौके पर ही दिखाई क्यों नहीं देते, यह सवाल भी अपनी जगह है।
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