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देहरादून में बोले राजनाथ- 1734 शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी से बनेगा सैन्य धाम

देहरादून। आज बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यहां सैन्य धाम पहुंचे। यहां राजनाथ ने शहीदों के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके साथ ही देहरादून के 204 शहीद परिजनों को सम्मानित किया गया। 
इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि 1734 शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी लेकर उत्तराखंड में सैन्य धाम बनेगा। शहीद वही हो सकता है, जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। छोटे मन के लोग यहां काम नहीं कर सकते। जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य था तो 14 और 18 साल के युवाओं ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। वह राष्ट्र भावना थी। चंद्रशेखर आजाद ने 26 साल में, अशफाक उल्ला खान ने 23 साल की उम्र में बलिदान दिया था। जब अशफाक से पूछा गया कि अंतिम इच्छा क्या है तो उन्होंने कहा कि मेरी मां को यह संदेश भिजवा देना कि आज उसका बेटा फांसी के तख्ते पर खड़ा होकर शादी कर रहा है।
राजनाथ ने कहा कि इस सैन्यधाम में इतने शहीदों के आंगन की मिट्टी लाना कोई आसान काम नहीं है। जब मैं मिट्टी को यहां पुष्प अर्पित कर रहा था तो मैंने उसे अपने माथे पर लगाया। उत्तराखंड की महान परंपरा के वाहक जनरल बिपिन रावत के जाने से हमारे देश की बहुत बड़ी क्षति हुई है। यह बेहद दुखद है। अपनी बड़ी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए वह प्रयत्न कर रहे थे। वह सबके दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।
उन्होंने कहा कि यह सैन्य धाम केवल एक भवन या स्मारक तक सीमित न हो, बल्कि सभी शहीदों के नाम यहां दीवारों पर अंकित किए जाए। यहां ऑनलाइन भी श्रद्धांजलि की सुविधा होनी चाहिए। ताकि देश के दूसरे कोने में बैठा भारतीय भी श्रद्धांजलि अर्पित कर सके। पिछले पांच साल में उत्तराखंड में विकास हुआ है, इसे कोई नकार नहीं सकता। सबसे बड़ी चुनौती कनेक्टिविटी की समस्या थी। रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी की दिशा में काम हुआ है। ऑल वेदर रोड पर जो रुकावट थी, अब दूर हो गई है। ऑल वेदर रोड गढ़वाल और कुमाऊं को और करीब लाएगी। पर्यटन की दृष्टि से, आध्यात्मिक दृष्टि से कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। मैं उत्तराखंड सरकार को बधाई देता हूं। पहले त्रिवेंद्र और अब पुष्कर सिंह धामी ने सराहनीय काम किया है। ऑल वेदर रोड का सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है।कहा कि सीमा पर रहने वाले नागरिक स्ट्रेटेजिक असेट्स हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रक्षा मंत्री स्वयं एक किसान पुत्र हैं। वह सैनिकों, पूर्व सैनिकों की भावनाओं से भलीभांति परिचित हैं। उन्होंने जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जनरल रावत के उत्तराखंड को लेकर बहुत सपने थे। हमारी सरकार उनके सारे सपनों के अनुरूप उनकी सभी आकांक्षाओं को पूरा करेगी। यह सैन्य धाम हमारी सरकार पूर्ण मनोयोग से बनाएगी। यह देशभर के युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करेगा। यह सैन्य धाम हमेशा वीरों का स्मरण कराएगा। सैन्य परिवार से आने के कारण उनके संघर्ष को मैं भलीभांति समझ सकता हूं। पहले के समय में सीमापार से जब गोली आती थी तो सेना को जवाब देने के लिए इंतजार करना पड़ता था। मोदी ने सेना को यह छूट दी है कि गोली का बदला गोली से तुरंत दिया जाए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट, विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी और सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह आदि मौजूद रहे। 

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