देहरादून। प्रदेशभर में सोमवार देर रात मौसम ने करवट बदली और कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। आज मंगलवार को राजधानी में भी दोपहर बाद बौछारें गिरीं।
आज मंगलवार को चार दिन बाद ज्योलीकोट कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर वीरभट्टी पर आए मलबे को साफ कर यातायात के लायक बना दिया गया था, लेकिन दोपहर दो बजे वीरभट्टी के पास फिर भूस्खलन हो गया। जिसके चलते रास्ता बंद हो गया। सड़क पर मलबा आने से वाहन भी फंसे रहे। उधर चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक गांव के समीप आज मंगलवार को 11वें दिन भी सुचारू नहीं हो पाया। प्रशासन ने नीती घाटी के जरूरतमंद ग्रामीणों के लिए क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी है।
इससे पूर्व सोमवार को हेलीकॉप्टर ने छह राउंड में 24 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर गंतव्य तक पहुंचाया। बीआरओ की ओर से भूस्खलन क्षेत्र के 500 मीटर हिस्से में से करीब 250 मीटर तक मलबा हटा दिया गया है। प्रभावित क्षेत्र में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 18 जवानों की ओर से समीपवर्ती गांवों के ग्रामीणों की पैदल आवाजाही करवाई जा रही है।
टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन के कारण सोमवार से पूरी तरह बंद है। सोमवार को हाईवे पर मलबे में भारी पत्थरों के साथ पांच पेड़ भी जमींदोज हो गए थे। आज मंगलवार को वहां मलबा हटाने का काम जारी रहा। एनएच पर दिल्ली, देहरादून सहित मैदानी क्षेत्रों से आने वाली रोडवेज की पांच बसें फंसी रहीं। बाद में इन बसों को वापस भेज दिया गया।
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