देहरादून। नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश बनने की ओर लगातार अग्रसर है। एक ओर जहां उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों के लिए पर्यटन विभाग लगातार योजनाएं चलाने के साथ-साथ सुविधाएं विकसित कर रहा है। तो वहीं कोरोना काल में बंद पड़े पर्यटन के दौरान भी पर्यटन विभाग द्वारा बेहतर काम किए गए। देश-विदेशों से आए पर्यटकों को सहुलियतें देने के साथ-साथ पर्यटन विभाग द्वारा सुरक्षित उनके गन्तव्य तक पहुंचाने का काम किया गया। जिसके लिए उत्तराखंड पर्यटन को जिम्मेदार पर्यटन के क्षेत्र में अपने प्रयासों और योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘वन टू वॉच’ पुरस्कार से नवाजा गया है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ग्लोबल फोरम वर्ल्ड टूरिज्म रिस्पांसिबल अवार्ड्स लंदन द्वारा सम्मानित किया गया है। पर्यटन विभाग की ओर से पूनम चंद, अपर निदेशक ने वर्चुअल रूप से यह पुरस्कार ग्रहण किया। पुरस्कारों की छह श्रेणियों में से, उत्तराखंड पर्यटन को ‘कोरोना काल के दौरान समुदायों एवं कर्मचारियों के निरंतर सहयोग बनाये रखने की श्रेणी में ‘वन टू वॉच’ पुरस्कार दिया गया है। पुरस्कार समारोह के दौरान आयोजकों की ओर से लॉकडाउन के दौरान राज्य में फंसे देशी-विदेशी पर्यटकों को सुरक्षित उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए पर्यटन विभाग की सराहना की गई।
कोरोना काल में जब दुनिया भर के सरकारी व निजी कार्यालय बंद थे तब, राज्य के सभी जनपदों के जिला पर्यटन अधिकारियों ने समस्त कार्यालयों के विभिन्न देशों के मंत्रालयों और दूतावासों, स्थानीय, राज्य और केंन्द्र सरकार के विभागों के साथ समन्वय बनाए रखा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘मैं उत्तराखंड पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘वन टू वॉच’ पुरस्कार के रूप में चुनने के लिए डब्ल्यूटीएम का आभारी हूं और ऐसा करने में इसके प्रयासों के लिए विभाग को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि हम ऐसी कार्य संस्कृति विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो सुदूर क्षेत्र में अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक विकास का प्रकाश पहुंचाने में मददगार साबित हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रधानमंत्री के आदर्श वाक्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ का पालन किया जाए के क्रम में स्व-रोजगार के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और दीनदयाल उपाध्याय जैसी योजनाओं के साथ-साथ विभिन्न पर्यटन सर्किटों के विकास के माध्यम से गांव, ग्रामीण वन्यजीव, पर्यावरण, धार्मिक, साहसिक और कई अन्य पर्यटन क्षेत्रों के समेकित विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।