सियासत की शतरंज
- भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से विदाई से श्रम मंत्री सन्न
- अध्यक्ष पद से बिना बताये हटाने की प्रक्रिया से हरक सिंह नाराज, आज रख सकते हैं अपना रुख
- कहां तो एक साल के सेवा विस्तार की आस लगाए हुए थे और कहां वजीर से हुए ‘पैदल’
देहरादून। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से औचक विदाई विदाई से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत सन्न रह गये हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें इतने बड़े फैसले की भनक तक नहीं लगी और वह वजीर से ‘पैदल’ हो गई। धीरे से दिये गये जोर के झटके से हरक सदमे में बताये जाते हैं और उन्होने इस प्रकरण पर चुप्पी साध ली है। इसे उनकी नाराजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि बीते बुधवार को उनके दोनों फोन नंबर बंद रहे। बोर्ड की सचिव दमयंती के मामले में शासन के बदले रुख को लेकर यही चर्चा रही कि हरक सिंह ने शासन से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। हरक सिंह प्रदेश के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं।वर्ष 2017 में कर्मकार कल्याण बोर्ड में उनकी ताजपोशी को भी उनके रुतबे और सरकार में पैठ के रूप में देखा गया था। फिर बोर्ड के सचिव पद के रूप में दमयंती की तैनाती भी उनके इसी रुतबे का परिणाम माना गया।
हालांकि बोर्ड के पिछले तीन साल के कार्यकाल में हरक सिंह अपने इस रुतबे के चलते कई आरोपों को दरकिनार करते रहे। बोर्ड सचिव पर भी आरोप लगे और घटिया साइकिलों को बांटने सहित अन्य कई आरोप भी उन्होंने झेले। ऐसे में जितने मुुखर होकर वह बोर्ड के अध्यक्ष बनाते समय हुए थे, तीन साल बाद उतनी ही खामोशी से उनकी पद से विदाई भी हुई।
सूत्रों के मुताबिक हरक सिंह को यह भनक भी नहीं लगी कि बोर्ड का पुनर्गठन किया जा रहा है। वह मान रहे थे कि उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसी बात को लेकर हरक सिंह नाराज हैं। हालांकि सियासी समझदारी के चलते अभी तक हरक ने इस पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को हरक सिंह देहरादून में ही होंगे। ऐसे में गुरुवार को इस मामले का वह अपने रुख का खुलासा कर सकते हैं।