देहरादून। उत्तराखंड में छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने के बाद अब धामी सरकार ने इगास पर्व पर भी एक दिन का अवकाश घोषित किया है। बता दें कि इगास-बग्वाल पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी, युकेडी से लेकर कई लोगों ने सीएम को ज्ञापन भी प्रेषित किया था। जिसके बाद आज गुरूवार को सीएम धामी ने सार्वजिक अवकाश की घोषणा की है।
11वें दिन इसलिए मनाई जाती है इगासः इगास पर्व उत्तराखंड का व्यापक लोक पर्व है। पहाड़ में बग्वाल दीपावली के ठीक 11 दिन बाद ईगास मनाने की परंपरा है। दरअसल ज्योति पर्व दीपावली का उत्सव इसी दिन पराकाष्ठा को पहुंचता है, इसलिए पर्वों की इस शृंखला को ईगास-बग्वाल नाम दिया गया। एक मान्यता ये भी है कि जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे, तो लोगों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। लेकिन, गढ़वाल क्षेत्र में भगवान राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली थी, इसलिए ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए एकादशी को दीपावली का उत्सव मनाया था। इस मौके पर विभिन्न संस्थाओं की ओर से सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। यह त्यौहार देवभूमि की पहचान है। इगास का त्यौहार उत्तराखंडियों की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ-साथ समृद्ध लोक संस्कृति का बड़ा प्रतीक है। वीर माधो सिंह भंडारी जब लड़ाई जीत कर घर लौटे तो उनके इंतजार में बैचेन पूरे इलाके ने जमकर खुशियां मनाई। यह त्यौहार वीरता, शौर्य एवं अपनी प्रदेश के लिए त्याग का त्योहार हैl ऐसी लोकप्रिय संस्कृति उत्तराखंड के अलावा कहीं और नहीं पाई जाती।