नई दिल्ली। भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और अब तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया है।
राष्ट्रपति चुनाव 2022 के उम्मीदवार के लिए शरद पवार की अध्यक्षता में विपक्ष के 17 दलों की अहम बैठक हुई। राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति को लेकर आज एनसीपी नेता शरद पवार के आवास पर 17 दलों के विपक्षी नेताओं की बैठक के लिए भाकपा नेता डी राजा पवार के दिल्ली आवास पर पहुंचे। इस बीच टीएमसी के सूत्रों ने दावा किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार होंगे।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में यशवंत ने इस बात के संकेत दिए थे कि वह राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं। सिन्हा ने पोस्ट में कहा, ‘ममता जी ने टीएमसी में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाई, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है कि मैं एक बड़े उद्देश्य के लिए पार्टी से अलग हो जाऊं ताकि विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम कर सकूं। मुझे उम्मीद है कि ममता जी मेरे इस कदम को स्वीकार करेंगी।’
हालांकि अब तक कई बड़े नेता राष्ट्रपति चुनाव की रेस से पीछे हट चुके हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर गोपालकृष्ण गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव से अपना नाम वापस लिया था। उनसे पहले नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया था। 15 जून को नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है।