लखनऊ-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में इंदिरा गांधी सभागार में सोमवार को भाजपा उत्तर प्रदेश की कार्यसमिति की बैठक के समापन के अवसर पर सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ ही उत्तर प्रदेश को विकास की राह पर सरपट दौड़ाने के लिए सामूहिक स्तर पर काम करने पर बल देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने शपथ लेने के बाद से ही जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया। इसमें जनविरोधी काम करने वाले लोग सरकार के निशाने पर थे। सरकार ने कानून-व्यवस्था में सुधार को शीर्ष वरीयता पर रख शातिर अपराधियों पर शिकंजा कसने के साथ ही उनको आर्थिक चोट भी दी। आज हजार से अधिक अपराधी जेल में हैं जबकि अन्य प्रदेश छोड़कर भागे हैं। गुंडे-माफिया आज दूसरे राज्यों में मुंह छिपाए बैठे हैं। यह सत्ता की धमक है और यह धमक केवल भाजपा दे सकती है कोई और नहीं दे सकता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने कोरोना वायरस के भयंकर संक्रमण में काफी काम किया। प्रदेश के लोगों को इसके कहर से बचाने के बड़े जतन के कारण ही हमारे प्रदेश को कम नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना वायरस का संक्रमण समाप्त नहीं हो गया है। हमें पूरी तरह से सावधान और सतर्क रहना है, आग और पानी से खेला नहीं जाता। समाज के हर तबके को वैक्सीन लगाई जा रही है, किसी से कोई भेदभाव नहीं है, जो वैक्सीन पांच हजार रुपए की है वह देशवासियों को फ्री में लगाई जा रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमको प्रदेश की छवि को एक नई दिशा में ले जाने के लिए अभी बहुत कुछ करना है। चार वर्ष पहले जब उत्तर प्रदेश के बाहर जाते थे तो प्रदेश के लिए क्या राय बनती थी और अब राय क्या है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश 14 वें नंबर पर था और आज नंबर दो पर है। प्रदेश के अंदर हुए विकास के कार्यों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी आई है, आज प्रदेश का राजस्व एक लाख करोड़ रुपए का है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के एजेंडे में किसान नहीं बल्कि जातिवाद था, तुष्टीकरण था लेकिन आज ईज ऑफ लिविंग को आसान करने के लिए 40 लाख गरीबों को आवास मुहैया कराया गया। देश के अंदर लगातार लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन उन्होंने कभी किसान स्वॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई बीमा योजना लागू नहीं की।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले मकई का रेट 1100 रुपए था जिसे 1800 रुपए किया गया, जिसका लाभ सीधे किसानों को हो रहा है। मंडी सुविधा किसानों के लिए है अगर कोई किसान अपनी उपज को दूसरे जनपद में बेचना चाहता है तो उसे कोई रोक नहीं सकता। 2017 से पहले प्रदेश में किसान के गेहूं, दलहन, तिलहन के लिए सरकारी खरीद की व्यवस्था ठीक नहीं थी जबकि हमारी सरकार में रिकॉर्ड धान की खरीददारी कर पैसा सीधे किसानों के खाते में पहुंचाया गया।