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सिब्‍बल के सपोर्ट में उतरे जी-23 के नेता..

नई दिल्‍ली


कांग्रेस बनाम कांग्रेस की लड़ाई दिलचस्‍प हो गई है। वरिष्‍ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्‍बल के खिलाफ कांग्रेसियों का हुड़दंग जी-23 के नेताओं को बिल्‍कुल रास नहीं आया है। वो खुलकर सिब्‍बल के पक्ष में उतर आए हैं। उन्‍होंने सिब्‍बल का बचाव किया है।

सिब्‍बल के समर्थन में जी-23 नेताओं में शामिल मनीष तिवारी के ट्वीट पर शशि थरूर ने रीट्वीट किया। मनीष तिवारी ने सिब्‍बल के घर पर कांग्रेसियों के विरोध प्रदर्शन की तीखी आलोचना की। इसे गुंडागर्दी और हुड़दंग बताया।

उन्‍होंने ट्वीट किया, ‘जो कल रात हुआ वह शर्मनाक था। ‘कमांड परफॉरर्मेंस’ का बचाव करने की कोशिश की गई। यह हुआ कपिल सिब्बल के घर। उन्‍होंने कार को क्षतिग्रस्त कर दिया। वो कार के ऊपर खड़े हो गए थे। तो वह धंस गई। घर के बाहर और अंदर दोनों जगह टमाटर फेंके। यह अगर गुंडागर्दी नहीं तो और क्या है?’

सिब्‍बल के घर हुआ हुड़दंग


सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे। कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए। गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा था कि जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वो खासमखास नहीं मानते वो आज भी इनके साथ खड़े हैं। सिब्बल ने जोर देकर कहा था, हम ‘जी हुजूर 23’ नहीं हैं। हम अपनी बात रखते रहेंगे।

आलाकमान को निशाने पर लेते हुए कपिल सिब्‍बल का इतना सबकुछ कहने पर कांग्रेस के पुराने से लेकर युवा नेताओं तक ने उन पर हमला शुरू कर दिया। सिब्बल की ओर से जी -23 नेताओं के उठाए गए व्यापक सुधारों की मांग दोहराए जाने के कुछ घंटे बाद ही उनके घर के आगे प्रदर्शन शुरू हुआ। दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनके विरोध में प्रदर्शन किया। ‘गेट वेल सून कपिल सिब्बल’ की तख्तियां दिखाईं। जमकर हुड़दंग किया।

थरूर ने दिखाया आईना


जी-23 के नेता शशि थरूर ने सिब्‍बल को आलाकमान के एहसान की याद दिलाने वालों को आईना दिखाया है। थरूर ने सिब्‍बल को सच्‍चा कांग्रेसी बताया। कहा कि उन्‍होंने न जाने कांग्रेस के लिए कितनी कानूनी लड़ाइयां लड़ी हैं।

तिवारी के ट्वीट पर थरूर ने रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘कांग्रेस लोकतांत्रितक पार्टी है। डेमोक्रेटिक पार्टी के तौर पर हमें सुनने की जरूरत है कि उन्‍हें (सिब्‍बल) क्‍या कहना है। असहमति हो सकती है। लेकिन, इस तरह नहीं। भाजपा से मुकाबला करने के लिए हमें अपने को मजबूत करने की जरूरत है।’

आनंद शर्मा ने भी की निंदा


जी-23 के ही एक और नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी सिब्‍बल के घर पर कांग्रेसियों के हुड़दंग की निंदा की। शर्मा ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कपिल सिब्बल के घर पर हमले और गुंडागर्दी की खबर सुनकर स्तब्ध और निराश हूं। यह शर्मनाक है। यह पार्टी को बदनाम करती है। इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।’


उन्‍होंने लिखा कि कांग्रेस का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखने का इतिहास रहा है। राय और धारणा के मतभेद लोकतंत्र के अभिन्न अंग हैं। असहिष्णुता और हिंसा कांग्रेस के मूल्यों और संस्कृति से अलग है। शर्मा ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में दोषी लोगों की पहचान कर सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई करने की अपील की।

पिछले साल अगस्त के पहले हफ्ते में कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी की कार्यशैली, संस्कृति और हाइकमान को लेकर सवाल उठाते हुए एक चिठ्ठी लिखी थी। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र हुड्डा, पृथ्‍वीराज चव्हाण, शशि थरूर सरीखे दिग्‍गज नेता शामिल थे। सियासी गलियारे में इन्‍हें ही जी-23 कहा जाता है।

सिब्‍बल-आजाद ने भी किया बचाव


राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने ट्वीट किया, ‘मैं कपिल सिब्बल के घर के बाहर बीती रात हुए सुनियोजित उपद्रव की कड़ी निंदा करता हूं। वह एक वफादार कांग्रेसी हैं जो संसद के बाहर और भीतर पार्टी के लिए लड़ रहे हैं। किसी भी जगह से आने वाले सुझाव का स्वागत होना चाहिए, उसे दबाना नहीं चाहिए। उपद्रव अस्वीकार्य है।’

पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं असहाय महसूस करता हूं जब हम पार्टी के भीतर सार्थक संवाद आरंभ नहीं कर सकते। मैं उस वक्त भी आहत और असहाय महसूस करता हूं जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से अपने एक साथी और सांसद के आवास के बाहर नारेबाजी किए जाने की तस्वीर देखता हूं। लगता है कि भलाई इसी में है कि व्यक्ति चुप्पी साध कर रखे।’

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