ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्याश्रम संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार में हरेला पर्व का शुभारंभ औषधीय पौधों को रोपकर किया गया। ऋषिकुल विद्यापीठ संस्कृत महाविद्यालय परिसर में हरेला पर्व के शुभारंभ अवसर पर संस्कृत शिक्षा विभाग के सह निदेशक भूपेंद्र सिंह, संस्था के सचिव नगर मजिस्ट्रेट जगदीश लाल, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बलदेव प्रसाद चमोली एवं शिक्षकों ने पौधरोपण किया। इस मौके पर नगर मजिस्ट्रेट जगदीश लाल ने कहा कि वृक्ष हैं तो आज है, वृक्ष हैं तो जल है, जल है तो जीवन है। इसलिए पेड़ लगाने के साथ ही पेड़ बचाने का दायित्व निभाने का प्रयास करना होगा। सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि वृक्ष जीवन का आधार हें। अपने भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधे भी जीवन का हिस्सा है। सभी को मिलकर इस संस्कृति को सजाने संवारने का कार्य पौधरोपण के साथ करते रहना होगा।
ऋषिकुल विद्यापीठ संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बलदेव प्रसाद चमोली ने औषधीय पौधों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गिलोय, तुलसी, नीम, हरड आदि औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इन पौधों से समाज को निश्चित रूप से लाभ होगा। कार्यक्रम में महाविद्यालय के आचार्य हीराबल्लभ बेलवाल, देवी दत्त कांडपाल, डा.नवीन पंत, भास्कर शर्मा, रमेश जोशी, महेश बहुगुणा, उमा जोशी, चम्पा, गीता, सोहन लाल, अमित शर्मा, जगदीश जोशी, ठाकुर प्रेम सिंह आदि उपस्थित रहे।