नई दिल्ली-भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक ट्वीट में दावा किया है कि उसने ब्रिटेन से आए कोरोना के इस नए स्ट्रेन (नया रूप) को सफलतापूर्वक ’कल्चर’ टेस्ट कर ’आइसोलेट’ कर लिया है। इससे कोरोना के इस नए स्ट्रेन के इलाज में आसानी होगी। आईसीएमआर ने कहा कि भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। आईसीएमआर ने शनिवार को कहा कि जिस दिन से कोविड-19 महामारी सामने आई थी, उसी दिन से इसके ’कल्चर’ का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे थे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी ने हाल ही में ब्रिटेन से भारत लौटे लोगों के सैंपल का ’कल्चर’ टेस्ट किया। इसमें वायरस के नए स्ट्रेन को आइसोलेट कर यानी अलग करने में कामयाबी हासिल की है। आईसीएमआर ने दावा किया कि अभी तक किसी भी देश ने ब्रिटेन में पाए गए सार्स-कोवी-2 के इस नए प्रकार को अब तक सफलतापूर्वक पृथक या ‘कल्चर’ नहीं किया है। स्मरण रहे ब्रिटेन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वहां लोगों में वायरस का एक नया प्रकार पाया गया है, जो 70 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को भारत में सार्स-कोवी-2 के इस नये ‘स्ट्रेन’ से अब तक कुल 29 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि की थी।
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