- झांसी की रहने वाली शैली के पास बचपन में नहीं थे अच्छे जूते
- स्टार एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज के पति ने पहचाना था टैलेंट
नई दिल्ली। टोक्यो ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल के साथ भारत का सफल अभियान समाप्त हुआ, लेकिन इसके बाद भी देश के एथलीटों ने जलवा बिखेरना जारी रखा है। वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अब शैली सिंह ने लड़कियों के लॉन्ग जंप इवेंट का सिल्वर मेडल जीता। वह मात्र एक सेमी से गोल्ड चूक गईं। यह इस चैंपियनशप में भारत का तीसरा मेडल है। जिस तरह शैली का मेडल खास है उसी तरह उनके स्ट्रगल की कहानी भी देश के युवाओं के लिए बहुत इन्सपायरिंग है। 17 साल की शैली ने गरीबी और पारिवारिक मुश्किलों को मात देकर आज देश का नाम रोशन किया है।
अकेली मां ने तीन बेटियों को पाला : शैली उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की रहने वाली हैं। उनकी मां वनीता सिंह सिंगल मदर हैं और उन्होंने शैली सहित तीन बेटियों को अकेले पाला है। वनीता सिलाई का काम करती हैं और परिवार आर्थिक तंगी से जूझता रहा है। बचपन में शैली के पास जूते भी नहीं होते थे।
रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ने पहचाना टैलेंट : शैली जब 14 साल की थी तब एक जूनियर नेशनल ईवेंट में भारत की स्टार लॉन्ग जंपर रहीं अंजू बॉबी जॉर्ज के पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज की उन पर नजर पड़ी। रॉबर्ट ने खुद अंजू को कोचिंग दी थी, लिहाजा उन्हें पता चल गया था कि ‘झांसी की इस नई रानी’ में कुछ खास है। उन्होंने शैली को बेंगलुरु में मौजूद अंजू बॉबी जॉर्ज एकेडमी ट्रेनिंग के लिए बुलाया। शुरुआत में शैली की मां इसके लिए राजी नहीं थीं, लेकिन रॉबर्ट ने उन्हें समझाया कि उनकी बेटी एक चैंपियन एथलीट बन सकती है।
अंडर-18 में शैली हैं वर्ल्ड नंबर-1 : शैली कई बार जूनियर लेवल पर नेशनल रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं। वह अंडर-18 कैटेगरी में वर्ल्ड नंबर-1 लॉन्ग जंपर हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज का मानना है कि शैली आने वाले दिनों में उनका रिकॉर्ड भी तोड़ेंगी और देश के लिए ओलिंपिक मेडल जीतेंगी।
स्पीड है शैली की ताकत : रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज कहते हैं कि लॉन्ग जंप में स्पीड और स्ट्रेंथ काफी मायने रखता है। शैली के पास बेहतरीन स्पीड है। उन्होंने कहा जैसे-जैसे शैली बड़ी होगी उनका स्ट्रेंथ भी बढ़ती जाएगी और वे और भी ऊंचे मुकाम हासिल कर सकती हैं। हालांकि, इसके लिए शैली को काफी ज्यादा मेहनत करनी होगी। उसका अगला निशाना 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक पर है।