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आयुष्मान योजना के तहत अब सीधे ही प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हो सकेंगे मरीज

देहरादून: उत्तराखंड में अब प्राइवेट अस्पतालों में मरीज आयुष्मान योजना के तहत सीधे ही भर्ती हो सकेंगे और साथ ही उन्हें फ्री इलाज की सुविधा मिल सकेगी। उत्तराखंड में पहाड़ की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इन क्षेत्रों में रेफर को अनिवार्य न करने का निर्णय लिया गया है।

दरअसल मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत इमरजेंसी मामलों को छोड़कर पहले सरकारी अस्पताल से रेफर किया जाता है। जिस वजह से कई बार मरीजों को इलाज मिलने में देरी होती है। मैदानी क्षेत्रों में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल नजदीक है तो समय कम लगता है।

लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में रेफरल के चलते अधिक समय लग जाता है। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं प्राइवेट अस्पतालों को भी काफी दिक्कतें हो रही है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग को लगातार शिकायत भी मिल रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अब राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को बिना रेफरल के ही भर्ती कराने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही आपको बता दें राज्य में आयुष्मान योजना के अंतर्गत 175 इम्पेनल्ड अस्पताल हैं, जहां 5 लाख का निशुल्क इलाज होता है। इसमें से 35 निजी अस्पताल पर्वतीय क्षेत्रों के हैं। स्वास्थ मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्रों में मरीजों को इलाज मिलने में देरी न हो इसके लिए आयुष्मान योजना के तहत पहाड़ों में सीधे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की छूट दी गई है। इससे लोगों को समय पर इलाज मिल सकेगा और उन्हें सरकारी अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

आयुष्मान इलाज के बिलों पर मरीज के साइन अनिवार्य
राज्य में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों के इलाज में फर्जीवाड़े के मामले सामने आने के बाद अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों के साइन अस्पताल द्वारा भुगतान के लिए भेजे जाने वाले बिलों पर अनिवार्य कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मई महीने से इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। इससे इलाज पर होने वाले खर्च की जानकारी मरीज को भी रहेगी। गड़बड़ी होने पर मरीज आपत्ति दर्ज करा सकेंगे।

48 लाख लोगो के पास है आयुष्मान कार्ड
राज्य में आयुष्मान योजना का लाभ उठाने के लिए अब तक 48 लाख से ज्यादा लोग बना चुके हैं आयुष्मान कार्ड। बता दे इसमें से आधे से ज्यादा लोग पर्वतीय जिलों के हैं। ऐसे में सरकार के इस निर्णय से पर्वतीय जिलों में रह रहे आम लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में खुले प्राइवेट अस्पतालों को भी इसका लाभ मिलेगा।

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