देहरादून। प्रदेश में मानसून की पहली बारिश में ही जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। खासकर पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त बारिश हुई है। जिससे कई जगहों पर भूस्खलन हुआ और सैकड़ों सड़कें बाधित हो गई हैं।
बीते 2 दिनों से हो रही बारिश की वजह से बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग कई जगहों पर बंद है। प्रदेश में लगभग 150 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं। लोनिवि और एनएच विभाग जब तक एक सड़क को खोलते हैं, तब तक दूसरी सड़क बंद हो जाती है।
सरकार और विभागीय अधिकारी भले ही लाख दावे करें कि उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले भूस्खलन वाले जोन को दुरुस्त कर लिया है, लेकिन 2 दिनों की बारिश ने ऐसे कई इलाकों में लोगों को रोकने पर मजबूर किया है, जहां के बारे में यें दावे किए जा रहे थे कि अब इस क्षेत्र में भूस्खलन नहीं होगा। इनमें बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर पड़ने वाले कई क्षेत्र शामिल हैं।
विभागीय जानकारी के मुताबिक टिहरी जिले में लगभग 10 सड़कें, चमोली जिले में 16, रुद्रप्रयाग में 11, पौड़ी में 10, देहरादून में 12 सड़कें, पिथौरागढ़ में 11 सड़कें, चंपावत में 7, अल्मोड़ा में 2, बागेश्वर में 8 और नैनीताल में 5 सड़कें बंद बताई जा रही है। भूस्खलन और सड़कें बंद होने से प्रशासन ने अलग-अलग जगहों पर लगभग 400 यात्रियों को रोका हुआ है। उधर रुड़की में बारिश और आंधी में एक महिला की छत से गिरने पर मौके पर ही मौत हो गई। रुद्रपुर के पंतनगर में एक युवक के ऊपर बिजली गिरने से जान चली गई। 30 जून को ही बदरीनाथ, गंगोत्री, केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ से पत्थर गिरने की वजह से 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कपकोट में युवक की मौत बिजली गिरने से हो गई।
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