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उत्तराखंड में तो आते ही रहेंगे भूकंप, जानें कारण!

देहरादून। भू विशेषज्ञों के अनुसार इंडियन प्लेट हर साल औसतन 5 सेमी यूरेशियन प्लेट के नीचे घुसने से मध्य एशिया की ओर खिसक रही है। जिसकी वजह से भूगर्भीय हलचल जारी है। हालांकि वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूकंप वैज्ञानिकों का मानना है कि अमूमन भूगर्भ में दो प्लेटों के टकराने के बाद दोनों प्लेट स्थिर हो जाती हैं, लेकिन अप्रत्याशित तरीके से इंडियन प्लेट अभी स्थिर नहीं हुई है और इंडियन प्लेट का यूरेशियन प्लेट के नीचे घुसने का सिलसिला लगातार जारी है जो भूगर्भीय हलचल के लिहाज से चिंता का विषय है।
पहले उत्तराखंड के उत्तरकाशी, फिर गुजरात के भुज और अब अफगानिस्तान- तजाकिस्तान की सीमा पर आए भूकंपों को लेकर वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूकंप वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तराखंड के अलावा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे हिमालयी क्षेत्र इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराने वाली सीमा पर स्थित होने की वजह से हिमालयी क्षेत्रों में बार-बार भूकंप आते रहेंगे। हालांकि सुकून देने वाली बात यह है कि हिमालयी क्षेत्रों में जो भी भूकंप आ रहे हैं रिक्टर स्केल पर उनकी तीव्रता थोड़ी कम है।
वैज्ञानिक शोधों में यह बात सामने आयी है कि आज से साढ़े पांच करोड़ साल पहले इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराई थी और यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हिमालय जैसे विशाल ऊंचाई वाले पर्वत का निर्माण हुआ। इंडियन प्लेट ताकतवर तरीके से यूरेशियन प्लेट के नीचे घुस रही है और यही भूगर्भीय हलचल हिमालयी क्षेत्र को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील बना रही है।
भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर समेय देश के कुछ इलाके ऐसे है जो भूकंप के लिहाज से जोन पांच में स्थित है। ये वहीं इलाके हैं जो भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं। भूकंपों के इतिहास पर नजर डालें तो इन इलाकों में ज्यादातर विनाशकारी भूकंप आए जो बड़ी तबाही का कारण बने।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के आंकड़ों के अनुसार देश में एक जनवरी 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 के बीच कुल 965 छोटे बड़े भूकंप दर्ज किए गए। वरिष्ठ भूकंप विज्ञानी डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि सुकून देने वाली बात यह रही है कि इन सभी भूंकंपों की तीव्रता कम थी जिसकी वजह से कोई बड़ी तबाही नहीं हुई। इंडियन प्लेट के लगातार खिसकने की वजह से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पाकिस्तान, अफगानिस्तान की सीमाओं पर भूकंप आते रहेंगे। 

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