Tuesday , March 26 2024
Breaking News
Home / उत्तराखण्ड / फाइलों पर कुंडली मारे बैठे बाबुओं की ‘कुंडली’ बांचेंगे त्रिवेंद्र!

फाइलों पर कुंडली मारे बैठे बाबुओं की ‘कुंडली’ बांचेंगे त्रिवेंद्र!

हम नहीं सुधरेंगे

  • उत्तराखंड के विकास पर भारी पड़ रहा सचिवालय का परंपरागत ‘निठल्लापन’
  • फाइलों को लटकाने में एक्सपर्ट नौकरशाहों से त्रिवेंद्र सरकार बेहद नाराज
  • अब मुख्यमंत्री हर महकमे के सचिवों से करेंगे लेटलतीफी का हिसाब-किताब 
  • पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा था, सचिवालय में उनकी फाइलों की बना देते हैं जलेबी

देहरादून। सत्ता के केंद्र बने सचिवालय में अब फाइलों पर कुंडली मारे बैठे बाबुओं की ‘कुंडली’ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ‘बांचने’ की ठान ली है क्योंकि उत्तराखंड के विकास पर प्रशासनिक व्यवस्था के कंट्रोल रूम सचिवालय का परंपरागत ‘निठल्लापन’ भारी पड़ रहा है। बाबुओं के ‘शहंशाही’ स्टाइल के चलते फाइलों पर कार्यवाही की रफ्तार बेहद सुस्त है। इससे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खासे नाराज हैं।
मुख्यमंत्री ने अब शासन के सभी सचिवों से उनके विभागों से जुड़े अनुभागों की फाइलों का ‘हिसाब’ लेने जा रहे हैं। जिन अनुभागों में फाइलों पर कार्यवाही का रिकॉर्ड खराब होगा, वहां तैनात कार्मिकों को उन्होंने ताश के पत्तों की मानिंद फेंटने का मन बना लिया है।
प्रशासन के सर्वोच्च शिखर सचिवालय में बैठे नौकरशाहों को सबसे अधिक सुविधायें और वेतन दिया जाता है। इसके बावजूद वे जनहित और विकास से जुड़ी योजनाओं की फाइलों पर कुंडली मारे बैठे रहते हैं। अक्सर विकास संबंधी नीतियों व योजनाओं की फाइलें इन विभागों के मंत्रालयों व अनुभागों में फंस कर रह जाती है। जिन पर कोई कार्यवाही नहीं होती है और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही जनता के सामने सरकार को भी जवाब देना भारी हो जाता है 
गत दिनों एक ऐसा ही मामला सामने आया, जब मुख्यमंत्री के आदेश देने के बावजूद बाबू 14 महीने तक उस फाइल को दबाये बैठे रहे। इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को हुई तो उनके आदेश पर लोक निर्माण विभाग के सभी बाबुओं को बदल दिया गया। अब फाइलों पर होने वाली कार्यवाही की स्थिति जांचने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने खुद ही संभाल ली है।
उन्होंने सभी सचिवों की बैठक बुलाई है। यह बैठक अगले दो दिन में होगी। इसमें सचिवों से उनके विभागीय अनुभागों में लंबित फाइलों की जानकारी ली जाएगी। जिस अनुभागों में फाइलें एक माह से अधिक लटकी होंगी, उसका कारण पूछा जाएगा। केवल उन्हीं फाइलों के मामले में मुख्यमंत्री नरमी दिखाएंगे, जिनमें देर होने की ठोस वजह होगी। बेवजह फाइलें दबाकर बैठने वालों के मामले में मुख्यमंत्री कड़ा रुख अपना सकते हैं। जिन अनुभागों में फाइलों का रिकॉर्ड खराब होगा वहां तैनात स्टाफ को हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है। 
बेवजह महीनों तक फाइल लटकाने के मामले में एक और अनुभाग सरकार के निशाने पर है। जांच चल रही है, यदि फाइल में देरी की कोई तार्किक वजह नहीं मिली तो इस अनुभाग में तैनात पूरे स्टाफ को बदल दिया जाएगा। फाइलों के मामले में सचिवालय का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सचिवालय की कार्य प्रणाली पर अपनी व्यथा जाहिर की थी कि उनकी फाइलों की जलेबी बना दी जाती है। हालांकि उन्होंने भी ई आफिस से इस समस्या का इलाज कराने की ठानी थी। लेकिन ई आफिस शुरू नहीं हो सका।
सचिवालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने ई ऑफिस पर कार्य आरंभ किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय समेत अभी तक करीब 16 अनुभाग ही इससे जुड़ पाए हैं। माना जा रहा है कि सचिवों की बैठक में मुख्यमंत्री पूरे सचिवालय को ई आफिस से जोड़ने के लिए समयसीमा तय करने जा रहे हैं। 
इस बाबत मुख्यमंत्री ने बताया कि बस बहुत हो गया। सचिवालय में फाइलों को लेकर मैंने सभी सचिवों की बैठक बुलाई है। इसमें उनके अनुभागों की फाइलों के बारे में जानकारी ली जाएगी। जिन अनुभागों में बिना किसी कारण के फाइलों को लंबे समय तक लटकाने के मामले में मिलेंगे, उनमें निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। सचिवालय पूरे प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था का केंद्र है। हमने ई आफिस शुरू किया है। इसे जल्द से जल्द सभी अनुभागों से जोड़ा जाएगा और तय समय सीमा के साथ ही पारदर्शिता को सर्वोपरि रखा जाएगा। 

About team HNI

Check Also

सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए आवेदन शुरू, पद नाम और चयन प्रक्रिया बदली, जानिए

Agniveer Bharti 2024 : भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती 2014 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया …

Leave a Reply