देहरादून। राज्य सरकार ने मेडिकल स्टोरों पर सख्ती बढ़ा दी है। अब कोई भी मेडिकल संचालक बिना फार्मासिस्ट के दवा नहीं बेच पाएगा। अगर नियम का उल्लंघन किया तो लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही, मेडिकल स्टोरों को अपनी दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने अनिवार्य है।
वहीं, राज्य में नो बिल-नो पिल (बिना बिल दवा नहीं) की भी व्यवस्था लागू की गई है। सभी मेडिकल स्टोर को अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही औषधि विक्रय लाइसेंस की प्रक्रिया में भी आंशिक संशोधन किया गया है। जिसके तहत अब फुटकर लाइसेंस के लिए फार्मासिस्ट के नियुक्ति पत्र के साथ मानदेय के संबंध में भी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने राज्य में नशीली व नकली दवाओं पर रोकथाम के लिए सख्त निर्देश जारी किए थे। जिस पर औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने फुटकर औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम, 1940 एवं नियमावली 1945 के नियम 65 (2) के तहत मेडिकल स्टोर/फार्मेसी पर औषधि वितरण पंजीकृत फार्मासिस्ट की देखरेख में किए जाने का प्रविधान है।