सिस्टम पर सवाल
- ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 पर 86 करोड़ की लागत से बनी चंबा टनल से जुड़ी का मामला
- ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी से बनाने का दावा, लेकिन उद्घाटन से पहले ही गुणवत्ता की खुली पोल
- निर्माणदायी भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी पर उठ रहे सवाल, सभी जगहों की जांच करवाने की मांग
टिहरी। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 पर 86 करोड़ की लागत से बनी चंबा टनल से जुड़ी सड़क एक ही बारिश में पूरी टूट गई। इस सड़क को ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी से बनाने का दावा किया गया है, लेकिन उद्घाटन से पहले चंबा टनल से जुड़ी सड़क एक बारिश भी नहीं झेल सकी। इससे उन सरकारी अफसरों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है जिन पर इस सड़क निर्माण की गुणवत्ता जांचने की जिम्मेदारी है।
उल्लेखनीय है कि बारिश होते ही यह सड़क पूरी तरह से ए किलोमीटर तक टूट गई है। गनीमत रही कि जब सड़क टूटी उस समय उस पर वाहन नहीं चल रहे थे. अगर बारिश के समय वाहन चलते समय सड़क टूटती तो बड़ा हादसा हो जाता। सड़क टूटने के बाद निर्माणदायी भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सोहन सिंह ने बताया कि हमने भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा किए जा रहे घटिया निर्माण को लेकर कई बार केंद्र सरकार और राज्य सरकार के साथ जिला प्रशासन को जानकारी दी, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आज पूरी सड़क टूटने के बाद सबकी नींद टूट गई है। हमारी मांग है कि भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा जितने भी कार्य किए गए हैं, उनकी जांच होनी चाहिए कि ये कंपनी इतना घटिया काम किसकी शह पर कर रही है। चंबा के क्षेत्र पंचायत सदस्य संजय रावत ने बताया कि ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी चंबा टनल का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ, उससे पहले ही एक बारिश से पूरी सड़क टूट गई है। इससे भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के घटिया निर्माण की पोल खुल गई है। हमने इसकी सुरक्षा के लिए कई बार कंपनी से लेकर बीआरओ के अधिकारियों को बताया, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। केंद्र व राज्य सरकार को भारत कंस्ट्रक्शन कम्पनी के खिलाफ जांच करनी चाहिए।
भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने वाले मजदूर ने बताया कि सड़क बनाते समय इसमें नीचे हार्ड रॉक नहीं थी। इसमें सिर्फ मिट्टी भरी गई है। इस कारण यह बारिश के चलते पूरी टूट गई है। इसका काम भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा ही किया गया था। जब भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के लाइजनिंग अफसर भगवती से सड़क टूटने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि सड़क का बेस मजबूत नहीं था। सड़क की हाइट अधिक होने के कारण यह सड़क टूटी है। साथ ही पहले कंसल्टेंट द्वारा जो डिजाइन सड़क बनाने के लिए दिया गया था, वह कामयाब नहीं हुआ। अब कंसल्टेंट नया डिजाइन देगा तो उसके बाद ही काम होगा।
उधर बीआरओ के अफसर लक्ष्मी चंद शर्मा ने कहा कि जो सड़क टूटी है, उसका पुनर्निर्माण किया जाएगा। क्योंकि 4 साल तक मेंटेनेंस का कार्य भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के ही पास है। अब सवाल उठता है कि आखिर केंद्र सरकार के 86 करोड़ रुपये की भरपाई कौन करेगा? जबकि भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ स्थानीय लोगों ने कई बार शासन-प्रशासन को सूचना भी दी थी. इसके बावजूद भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्य की कहीं भी जांच नहीं हुई। जिससे इस सड़क की गुणवत्ता की जांच के लिये जिम्मेदार अफसरों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है।