देहरादून। प्रदेश में बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड के बाद जिस तरह रिसोर्ट और होटलों में चल रहे देह व्यापार का घिनौना चेहरा सामने आया है, उससे उत्तराखंड में पर्यटन के नाम पर लगातार बढ़ रही ‘थाईलैंड कल्चर’ यानी शराब और जिस्मफरोशी के मामलों को लेकर आक्रोश पनप रहा है। खुद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर कई सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने दो टूक कहा कि हमें अपनी कल्चर को आगे बढ़ाना चाहिए, न की किसी और देश की कल्चर को अडॉप्ट करना चाहिए। प्रदेशभर में अभी भी अंकिता हत्याकांड मामले को लेकर जनता में गुस्से की लहर है। अंकिता हत्याकांड मामले के बाद प्रदेश में पर्यटन नीति में कई तरह के बदलाव किए जाने की मांग उठने लगी है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में तेजी से फैल रही ‘थाईलैंड कल्चर’ के दुष्परिणामों से आगाह किया है।
उत्तराखंड में तेजी से पनप रहे रिजॉर्ट और ‘थाईलैंड कल्चर’ को अपनाने के सवाल पर त्रिवेंद्र ने कहा कि हमें अपने कल्चर को ही आगे बढ़ाना चाहिए, अगर हम किसी अन्य देश के कल्चर को अपने देश में लागू करेंगे तो उससे कई तरह की समस्यायें उत्पन्न हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारे जो नैतिक मापदंड हैं, हमें उन नैतिक मानदंडों का पालन करना चाहिए। साथ ही अपने कल्चर के अनुसार ही अपने रिजॉर्ट्स या फिर होटल की कार्यशैली को बनाना चाहिए। जबकि यही वजह है कि विदेशी कल्चर अपनाए जाने की वजह से पर्यटकों की एक बड़ी संख्या इन रिजॉर्ट और होटलों में जाने से परहेज करती है।
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