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यूरोप बना कोरोना का एपिसेंटर:बीते हफ्ते 20 लाख केस सामने आए

कोरोना की तीसरी लहर में बढ़ते केसों के चलते कई देशों को फिर से सख्ती करनी पड़ रही है। खासकर यूरोप में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। पूरे यूरोप में बीते 24 घंटे में 3 लाख 3 हजार 662 और बीते हफ्ते में 20 लाख केस सामने आए हैं। नीदरलैंड्स ने स्थिति बिगड़ते देख शनिवार शाम से तीन हफ्ते का आंशिक लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। इस दौरान रेस्टोरेंट और गैर-जरूरी सामानों की दुकानें जल्द बंद रहेंगी। वहीं बड़े स्पोर्ट्स इवेंट में दर्शकों की एंट्री भी बैन रहेगी। बता दें नीदरलैंड्स में बीते 24 घंटे में कोरोना के 16,204 केस सामने आए हैं।

जर्मनी में भी कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। वहां इस महीने सात बार नए मामलों का रिकॉर्ड बन चुका है। गुरुवार को तो 50,196 केस मिले। ऐसा पहली बार हुआ, जब आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंचा। बीते 24 घंटे में जर्मनी में 48,184 केस सामने आए हैं।

बीते 24 घंटे में इन 5 देशों में कोरोना के सबसे ज्यादा केस आए

देशनए केस
अमेरिका90,208
जर्मनी48,184
ब्रिटेन40,375
रूस40,123
यूक्रेन24,058

ब्रिटेन को अगले साल तक महामारी खत्म होने की उम्मीद नहीं
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों से कहा है कि कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज जरूर लें। उन्होंने चेतावनी दी है कि यूरोप के कई हिस्सों में संक्रमण बढ़ने से खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। ब्रिटिश सरकार को अगले एक साल तक भी महामारी के खत्म होने की उम्मीद नहीं है। ब्रिटेन के आई न्यूजपेपर के मुताबिक सबसे खराब स्थिति में 2026 तक लॉकडाउन की जरूरत पड़ सकती है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी ताजा ब्रीफिंग में बताया है कि यूरोप में पिछले एक सप्ताह में कोरोना के 20 लाख मामले सामने आए हैं। ये कोरोनाकाल में एक हफ्ते में सबसे ज्यादा मामले हैं। वहीं 27 हजार लोगों की जान भी महामारी की वजह से गई है। ये पूरी दुनिया में बीते हफ्ते में हुई मौतों का 50% है।

पश्चिमी यूरोप में वैक्सीनेशन ज्यादा होने के बावजूद केस बढ़ रहे
पूर्वी यूरोप के उन देशों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं जहां वैक्सीनेशन कम हुआ है। तो दूसरी तरफ पश्चिमी यूरोप के उन देशों में भी मामले बढ़ रहे हैं जहां सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन हो रहा है। ऐसे में यूरोप एक बार फिर से कोरोना का बड़ा सेंटर बनता नजर आ रहा है।

WHO की हिदायत- जरूरतमंदों को टीके नहीं लगे तो ये स्कैंडल होगा
WHO ने कहा है कि कोरोना के बूस्टर डोज स्वस्थ लोगों और बच्चों को देने की जरूरत नहीं है। उसका कहना है कि दुनिया के कई देशों में आज भी कई हेल्थवर्कर्स, सीनियर सिटीजंस और हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोगों को वैक्सीन का पहला डोज भी नहीं लगा है। ऐसे में जिन्हें जरूरत नहीं है उन्हें बूस्टर डोज लगता है तो ये स्कैंडल होगा।

जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चेतावनी दी है कि कोरोना संक्रमण फैलने के रोकने के तुरंत उपाय नहीं किए गए तो दिसंबर का महीना बेहद बुरा हो सकता है। जर्मनी के रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट ने भी लोगों को भीड़ से बचने की सलाह दी है।

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