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हाईवे बना रही कंपनी से हर माह 4 लाख रुपए लेता था आईपीएस अफसर, पहुंचा हवालात

कब तक खैर मनाएगी बकरे की मां

  • इस मामले में अब तक तीन अफसर और एक दलाल को गिरफ्तार कर चुकी है एसीबी
  • कंपनी के खिलाफ कुछ और केस रफा-दफा कराने के बदले अलग से लिए 10 लाख रुपए
  • दलाल नीरज मीणा के पकड़े जाने के बाद एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ हुई थी रिपोर्ट

जयपुर/दौसा। राजस्थान में हाईवे बना रही कंपनी से 38 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में दौसा के पूर्व एसपी मनीष अग्रवाल को मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार कर लिया। घूसखोरी के इस हाई प्रोफाइल मामले में यह चौथी बड़ी गिरफ्तारी है। एसीबी ने इससे पहले 13 जनवरी को बांदीकुई की पूर्व एसडीएम पिंकी मीणा, दौसा के पूर्व एसडीएम पुष्कर मित्तल और दलाल नीरज मीणा को गिरफ्तार किया था। तीनों अभी जेल में हैं।
एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि आईपीएस मनीष के महेश नगर स्थित घर की तलाशी ली गई है। शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि मनीष ने दौसा एसपी रहते हुए एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के एक अधिकारी को डरा-धमकाकर 38 लाख रुपए दलाल के मार्फत लिए थे।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि हाईवे बना रही कंपनी से तब दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के पास 7 महीने से 4-4 लाख की किश्त पहुंच रही थी। 28 लाख की यह रकम कंपनी के काम में किसी भी तरह की अड़चन न डालने के बदले लिए गए। वहीं, कंपनी पर चल रहे कुछ केस को रफा-दफा करने के एवज में भी एसपी ने 10 लाख रुपए वसूले थे। दलाल नीरज मीणा एसपी के नाम पर कंपनी से 38 लाख रुपए उठाए थे।
दलाल और आईपीएस के बीच मिले कनेक्शन के सबूत
एसीबी ने जब जांच की तो दलाल नीरज मीणा और एसपी के बीच बातचीत और रुपए के लेनदेन के सबूत मिले। इसके बाद एसीबी ने आईपीएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की थी। सरकार ने भी उन्हें दौसा से हटाकर मुख्यालय में अटैच कर दिया था। फिलहाल एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।
पहली पोस्टिंग से ही मनीष विवादों में रहे हैं। एसपी मनीष अग्रवाल का जम्मू कश्मीर कैडर था। उन्होंने राजस्थान कैडर की आईपीएस से शादी की। कैडर बदला तो आईपीएस पत्नी से तलाक हाे गया। फिर मनीष ने दूसरी शादी कर ली। एसपी के रूप में मनीष को पहली पोस्टिंग 2018 में बाड़मेर में हुई। जॉइन करते ही वह विवादों में आ गए। 3 महीने बाद ही उन्हें एपीओ करना पड़ा।
दूसरी बार छह जुलाई 2020 को दौसा जिले का एसपी बनाया गया। यहां भी जॉइन करते ही विवादों में आ गए। दुष्कर्म के मामले में एफआर लगाने की एवज में 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी तो शिकायत सीएम से हुई। जांच पुलिस मुख्यालय विजिलेंस विंग कर रही है।
आचार संहिता लगने के बाद बिना पुलिस मुख्यालय की अनुमति के दौसा के थाना प्रभारियों को बदल दिया। विवाद होने के बाद रेंज आईजी ने इन तबादलों को निरस्त किया, लेकिन एसपी की ओर से तबादले निरस्त न करने के ऑर्डर जारी नहीं किए गये। तत्कालीन डीजी भूपेन्द्र सिंह के दखल के बाद तबादले निरस्त किए।
हाईवे कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में 13 जनवरी को एसीबी ने आरएएस पिंकी मीणा और पुष्कर मित्तल को गिरफ्तार किया था। पिंकी मीणा को 10 लाख और दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था। इन अफसरों को 14 जनवरी को एसीबी ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। इसके बाद दलाल नीरज मीणा की गिरफ्तारी हुई। तब एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया था।

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