हम नहीं सुधरेंगे
- कांग्रेस का आरोप, सत्ता से जुड़े होने के कारण भाजपा नेता के खिलाफ नहीं हो रही कार्रवाई
- भाजपा नेता के दफ्तर में जुआ खेलने के आरोप की जांच करेगा साइबर सेल : डीआईजी
देहरादून। बीते मंगलवार को भाजपा नेता और पार्षद पति का अपने कार्यालय में जुआ खेलते हुए वीडियो वायरल हो गया। इस मामले में भाजपा महानगर अध्यक्ष ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसका जवाब न मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले भी यही भाजपा नेता करीब दो साल पहले आईएसबीटी के पास जुआ खेलने के आरोप में पकड़े गए थे, तब भी उन्हें पार्टी से निलंबित किया गया था।
पूर्व भाजपा अनुसूचित मोर्चा के महानगर अध्यक्ष एवं पार्षद पति राकेश कुमार का अपने कार्यालय में जुआ खेलते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। जो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। वीडियो में वह सहस्रधारा रोड स्थित कार्यालय में कुछ लोगों के साथ ताश खेलते दिखाई दे रहे हैं। मामला संज्ञान में आते ही भाजपा महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट ने राकेश कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर जवाब न मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि राकेश कुमार पहले भी विवादों में रहे हैं। पार्टी के स्तर पर उन्हें पहले भी चेताया जा चुका है। इस बार पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। पिछले वर्ष भी इस भाजपा नेता को आपसी विवाद में उनके परिचित युवक ने गोली मार दी थी। तब भी मामला पैसे के लेनदेन का बताया गया था। वहीं, मामले को लेकर राकेश कुमार का कहना है कि वह अनुसूचित मोर्चा में पद के लिए दावेदार हैं, जिसके चलते उन्हें बदनाम किया जा रहा है।
भाजपा नेता के आफिस में जुआ खेलने के आरोप की जांच साइबर सेल करेगा। यह आदेश डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने जारी किए हैं। भाजपा नेता की पत्नी पार्षद बताई गई है। कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश सचिव सोम प्रकाश वाल्मीकि, अजय बेनवाल आदि ने बीते मंगलवार को डीआईजी अरुण मोहन जोशी से मिलकर लिखित शिकायत की। आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो सहस्त्रधारा रोड स्थित भाजपा नेता के ऑफिस का है।
इसमें भाजपा नेता कुछ लोगों के साथ जुआ खेलते दिख रहे हैं। आरोप लगाया कि सत्ता से जुड़े होने के कारण भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही। कार्यालय के बाहर भाजपा के दो जनप्रतिनिधियों के नाम के बोर्ड भी लगे हैं। डीआईजी ने सीओ साइबर नरेंद्र पंत को मामले की जांच साइबर सेल से कराने के आदेश दिए हैं।