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उत्तराखंड : हरीश रावत ने दी सीएम धामी को बहस की चुनौती, सरकार बनने पर लोकायुक्त गठन का किया वादा

देहरादून। अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में जहां बीजेपी अपने विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रही है तो वहीं कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमले कर माहौल बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभालने वाले हरीश रावत ने राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। हरीश रावत ने बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर धामी सरकार पर जमकर हमला बोला। इसी के साथ ही हरदा ने सीएम व उनके मंत्री को खुली बहस की चुनौती दी।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 18 दिसंबर से महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अवैध खनन को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर 200 से 300 दिन के बीच लोकायुक्त लाया जाएगा। पिछली कांग्रेस सरकार में शुरू की गई लोकायुक्त की प्रक्रिया को पुनर्जीवित किया जाएगा। पुरानी प्रक्रिया में दिक्कत आई तो तुरंत नए सिरे से प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। पंचायती लोकायुक्त भी लाया जाएगा। इसमें पंचायत में धन के उपयोग में तेजी लाने के साथ ही निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को सुरक्षा भी दी जाएगी।
अवैध खनन की जांच कराएंगे…
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने एक खनन नीति बनाई थी और अगर कांग्रेस 2022 में सत्ता में आई तो उसे लागू किया जाएगा। उन्होंने राज्य में हो रहे अनियंत्रित अवैध खनन की जांच कराने का भी वादा किया। रावत ने राज्य सरकार से विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र जारी करने को भी कहा।
रसोई गैस का बोझ कम करेंगे…
उन्होंने कहा कि देश में महंगाई केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों का परिणाम है। केंद्र में सरकार बदलने तक महंगाई से राहत नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि गृहणियों पर रसोई का बोझ घटाने को कांग्रेस की सरकार हर माह उन्हें 200 रुपये की सहायता देगी।
केजरीवाल पर भी बोला हमला…
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महिलाओं को एक हजार रुपये देने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल को पहले दिल्ली में इसे लागू करना चाहिए। जिन माडल स्कूलों का दावा दिल्ली सरकार कर रही है, वहां परिसरों में आवारा पशु घूमते दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने दिल्लीवासियों को बिजली कटौती झेलने के लिए विवश कर दिया है।

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