लखनऊ-देशभर में कई राज्यों में सार्वजनिक स्थलों को हथियाने का खेल धर्म की आड़ लेकर धार्मिक स्थलों का निर्माण कर कई वर्षो से चल रहा है। कई सरकारें आईं और चली गईं, पर किसी सरकार ने अपनी तरफ से कोई कार्रवाई करने की जहमत नहीं की। यहां तक कि कोर्ट के आदेश के बावजूद मामला लटके रहे। अब इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब धर्म की आड़ में अतिक्रमण और अतिक्रमण के सहारे बेशकीमती सरकारी जमीनों, मुख्य मार्गो की सड़कों के किनारों और कहीं-कहीं तो सड़क के बीचों-बीच में कब्जा करके मंदिर, मस्जिद, मजार, दरगाह आदि बनाकर जो धंधा चल रहा है, उस पर लगाम लगानी समय की मांग भी है।
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करने को कहा है। हाईकोर्ट ने इस आदेश में कहा है कि यदि कहीं इस तरह का कोई निर्माण एक जनवरी 2011 या उसके बाद कराया गया है तो उसे तत्काल हटाया जाए। गृह विभाग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही, यह भी आदेश दिए गए हैं कि तय समय में शासन को अवगत कराया जाए कि कितने अतिक्रमण कर बने धार्मिक स्थलों को हटाया गया है। भले ही योगी सरकार ने यह निर्देश हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में जारी किया हो, लेकिन इसको लेकर सरकार की नीयत पर किसी को संदेह नहीं है।
शासन ने जिलाधिकारियों से इसे लेकर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तत्काल अपर मुख्य सचिव गृह को सौंपने का निर्देश दिया है, जबकि विस्तृत रिपोर्ट दो माह में मुख्य सचिव को सौंपी जाएगी। कोर्ट तो पहले ही कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए तमाम सरकारों को इसलिए फटकार लगा चुका है कि वे सड़क अतिक्रमण कर निर्मित धार्मिक स्थल को हटवाने की इच्छाशक्ति नहीं रखती हैं। अब योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थलों और सड़क किनारे अतिक्रमण कर बनाए गए सभी धार्मिक स्थलों को हटाने का सख्त आदेश दिया है। अब यह उम्मीद की जानी चाहिए कि इस समस्या का समाधान हो जाएगा, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सख्त फैसलों को जमीनी स्तर पर पूरा करने के लिए जाने जाते हैं।